
Google ने शनिवार को भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंद गोपाल जोशी की 153 वीं जयंती मनाई। Google डूडल ने भारत की पहली महिला डॉक्टर, आनंदी की 153 वीं जयंती पर डूडल
उनकी नौ साल की उम्र में उनकी शादी हो गई। जिस उम्र में बच्चे खेलना-कूदना और पढ़ना सीखते हैं, उस उम्र में आनंदीबाई की शादी उनकी उम्र से तकरीबन तीन गुना बड़े व्यक्ति गोपाल विनायक जोशी से करा दी गई। आपको बता दें कि आनंदी गोपाल जोशी का नाम “आनंदीबाई” उनके पति गोपाल जोशी ने यमुना से बदल कर रखा था।
आनंदीबाई गोपाल जोशी के इस सराहनीय कार्य और साहस पर ‘आनंदी गोपाल’ नाम की एक मराठी साहित्यक उपन्यास भी लिखी जा चुकी है.
उसके पति ने उन्हें अपनी शिक्षा और दवा में उनकी रुचि जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
उसने महिला मेडिकल कॉलेज ऑफ पेन्सिलवेनिया (जिसे अब ड्रक्सेल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडीसिन के नाम से जाना जाता है) से मेडिकल डिग्री अर्जित की और महिलाओं के लिए मेडिकल कॉलेज खोलने के सपने के साथ भारत लौट आयी। Rukhmabai ने ब्रिटिश समय में अपनी पढ़ाई पूरी की जब महिलाओं को उनके मामूली अधिकारों से तक वंचिक रखा जाता था। इसके साथ ही उन्होनें हिंदू मैरिज की व्यवस्था को पुर्नस्थापित करने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी जिसकी सफलता उन्हें 1955 में मिली। Rukhmabai एक डॉक्टर के साथ एक समाजसेवक भी थीं।
वर्ष 1886 यानि 19 साल की उम्र में आनंदीबाई ने मेडिकल में अध्ययन शुरू कर दिया और एमडी की डिग्री हासिल की. बता दें कि अमेरिका से डॉक्टरी की डिग्री लेकर वापस लेकर लौटी आनंदीबाई टीबी की रोग से पीड़ित थी.
अपने एक और नाम से जाना जाता है ‘ए हिंदू लेडी’ के अंतर्गत उन्होनें कई अखबारों के लिए लेख छपे गए और कई लोगों ने उनका इसमें साथ दिया। एक बार उन्होंने अपने लेख में मेडिकल की पढ़ाई करने की इच्छा जाहिर करी, इसके बाद कई लोगों ने उनके लिए फंड जमा करके उन्हें इंग्लैंड भेजा और लंडन स्कूल ऑफ मेडिसिन उनका दाखिला कराया गया ।
आनंदीबाई को महिलाओं के शिक्षा के लिए नए दरवाजे खोलने और मिसाल कायम करने पर उनके जन्मदिन के दिन उन्हें याद कर कोटि-कोटि नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं
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